Wednesday 29 January 2014

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स्पेशल सेल को भंग किया जाए : सी.पी. व्यास

नई दिल्ली। कश्मीरी युवक लियाकत अली शाह की गिरफ्तारी और दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल द्वारा दिल्ली को होली के अवसर पर फिदाईन हमलों से दहलाने की मनघड़ंत कहानी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इंडियनल ओसनिक पार्टी के राष्टï्रीय अध्यक्ष सी.पी. व्यास(अवकाश प्राप्त आईएएस) प्रेस को जारी एक बयान में कहा है कि आखिरकार इस बार भी दिल्ली पुलिस का दावा झूठा निकला जिससे साफ जाहिर होता है कि दिल्ली पुलिस आतंकवाद के आरोप में निर्दोष मुस्लिम नौजवानों को गिरफ्तार करके नामालूम लाभ लेना चाहती थी।
दिल्ली पुलिस के संदिग्ध कारनामें की वजह से लोगों का विश्वास पुलिस से उठने लगा है और ये साबित हो रहा है कि दिल्ली पुलिस का स्पेशल सेल भी सांप्रदायिक मानसिकता से ग्रस्त है। उन्होंने कहा कि स्पेशल सेल ने लियाकत अली शाह को गौरखपुर (उत्तर प्रदेश) से गिरफ्तार किया और अगले दिन अराफात होटल में विस्फोटक सामग्री रखने का काम पुलिस के एक अधिकारी ने किया और आरोप कथित आतंकवादी पर लगा दिया। उन्होंने कहा है कि दिल्ली के मुस्लिम बहुल इलाकों से चुनाव जीतने वाले मुस्लिम विधायक इस मुद्दे पर रहस्यमय तरीके से चुप्पी साधे हुऐ हैं, उन्होंने विधायक शुऐब इकबाल की चुप्पी पर आश्चर्य जताया। सी.पी. व्यास ने आरोप लगाते हुऐ कहा कि अब तक तो औखला को ही कथित तौर से आतंकवाद की शरणस्थली के तौर पर पेश किया जाता रहा है लेकिन अब जामा मस्जिद जैसे पवित्र व एतिहासिक मुस्लिम इलाके को भी इसी श्रेणी में लाने की साजिश की जा रही हैं।
C.P.-VYAS

इंडियन ओसनिक पार्टी के राष्टï्रीय अध्यक्ष एवं अवकाश प्राप्त आईएएस सी.पी. व्यास ने दिल्ली पुलिस की कार्य प्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि दिल्ली पुलिस जानबूझकर शरीफ मुसलमानों को आतंकवाद के आरोप में फंसाने का काम कर रही है, जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह और गृह मंत्रालय के बयान से जाहिर होता है कि उसने लियाकत शाह को फर्जी मामलों में फंसाया है। सी.पी. व्यास ने मांग की है कि एनआईए की जांच का रुख उस ओर भी होना चाहिये कि इस साजिश में कौन – कौन पुलिसकर्मी शामिल हैं? और अराफात होटल में विस्फोटक सामग्री किसने रखी थी? उन्होंने गृह मंत्रालय से अपील करते हुऐ कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के गंभीर मसले पर पुलिस की संदिग्ध भूमिका पर कड़ी कार्रवाई करे।
सी.पी. व्यास ने कहा कि पुलिस इस तरह की मनघड़ंत कहानी गढ़ कर मुस्लिम इलाकों को संदिग्ध इलाकों के रुप में पेश करना चाहती है जिससे राष्ट्रीय स्तर पर मुसलमानों की छवि को नुकसान पहुंचाया जा सके उन्होंने कहा कि पुलिस ने जिस संदिग्ध आतंकवादी का स्केच जारी किया है उसमें भी मुसलमानों से जुड़े एक विशिष्ट पहचान (जाली दार टोपी) प्रकट होती है जिसे मुसलमान ही पहनते हैं, इससे एक बार फिर आतंकवाद की पहचान को मुसलमानों के साथ जोडऩे की कोशिश की गई है।
उन्होंने कहा कि स्पेशल सेल आतंकवादी घटनाओं के तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर प्रस्तुत कर रही है जिससे आम जनता में इसकी छवि खराब हुई है जिससे लोगों को उसके ऊपर विश्वास नहीं रहा है। उन्होंने गृहमंत्री से दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को भंग करने और इस साजिश में शामिल अधिकारियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करने की मांग की, साथ ही मुस्लिम राजनेताओं और मुस्लिम संस्थाओं से अपील की है कि इस गैर लोकतांत्रिक, गैर सैक्यूलर साजिश के खिलाफ आवाज बुलंद करें।

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